भारत में अस्थमा के मरीजों का आंकड़ा चौंकाने वाला, जानिए पूरी जानकारी
सेहतराग टीम
हर साल पांच मई महीने को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। आपको बता दे कि इसे सबसे पहले 1998 में मनाया गया था, जिसका आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA ) ने किया था। हालांकि, इस साल विश्व अस्थमा दिवस नहीं मनाया जा रहा है। इस बात की जानकारी GINA के पत्र से होती है, जिसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल विश्व अस्थमा दिवस के आयोजन को स्थगित कर दिया गया है।
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भारत में अस्थमा के आंकड़े
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल आबादी के 8 फीसदी लोग अस्थमा से पीड़ित हैं, जिनमें 6 प्रतिशत बच्चे और 2 प्रतिशत वयस्क हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में हर एक व्यक्ति के पास जीवन बीमा नहीं है, जिसके चलते अस्थमा के मरीज इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
अस्थमा क्या है
यह एक श्वसन संबंधी रोग है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है, सीने में दबाव महसूस होता है और खांसी भी होती है। ऐसा तब होता है, जब व्यक्ति की श्वसन नलियों में अवरोध पैदा होने लगता है। ये रुकावट एलर्जी( हवा अथवा प्रदूषण) और कफ से आती है। कई रोगियों में ऐसा भी देखा गया है कि श्वसन मार्ग में सूजन भी हो जाता है।
अस्थमा में क्या करें
- अपने पास हमेशा प्रिवेंटर इनहेलर रखना चाहिए। आप आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। खासकर ड्राइव करने के समय और अकेले रहने पर अपने साथ हमेशा इन्हेलर रखें।
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। प्रदूषित जगहों पर बिल्कुल न जाएं। घर से निकलें तो मास्क पहनकर निकलें।
- खानपान पर विशेष ध्यान दें। अपनी डाइट में उन चीज़ों को जरूर जोड़ें, जो विटामिन-सी युक्त हो। पानी भी अधिक मात्रा में पीएं।
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